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दशहरा 2016: रावण केवल दानव ही नहीं बहुत बड़ा शिवभक्त और ज्ञानी भी था...

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बैंगलुरू। बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व दशहरे को पूरा भारत हर्षोल्लास से मनाता है, इस दिन जगह-जगह रावण का पुतला फूंका जाता है क्योंकि रावण बुरा राक्षस था, उसने धोखे से पराई नारी का अपहरण किया था।

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लेकिन दानव होते हुए ही भी रावण में बहुत सारी अच्छाईयां थी जिसके कारण आज देश के कई कोने में रावण की पूजा होती है।

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रावण को रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने भी भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त लिखा है और उनके हिसाब से भी रावण में काफी अच्छे गुण भी थे, जिन्हें लोगों को जानना बहुत जरूरी है।

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आईये जानते हैं रावण के गुणों को...

  • काफी योग्य: रावण एक कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति और वास्तुकला का मर्मज्ञ होने के साथ-साथ बहु-विद्याओं का जानकार था।
  • मायावी: रावण को मायावी इसलिए कहा जाता था कि वह इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादू जानता था।
  • महापंडित रावण : रावण बहुत बड़ा पंडित था और इसी कारण भगवान राम ने उससे विजय यज्ञ करवाया था।
  • कवि: रावण को लोग बहुत बढ़िया कवि कहते थे, उसने कई रचनाएं भी लिखी हैं।

आगे की बात तस्वीरों में...

शिवभक्त रावण

शिवभक्त रावण

  • शिवभक्त रावण: भगवान शिव ने खुद कहा था कि रावण बहुत बड़ा शिवभक्त है, उसकी भक्ति पर भगवान राम को भी शक नहीं था।
  • वैज्ञानिक: आयुर्वेद, तंत्र और ज्योतिष का ज्ञाता रावण वैज्ञानिक भी था। इंद्रजाल जैसी अथर्ववेदमूलक विद्या का रावण ने ही अनुसंधान किया।

अच्छा राजा

अच्छा राजा

रावण बहुत बड़ा और अच्छा राजा था, उसकी सोने की लंका में उसके राज्यवाले बहुत ज्यादा खुश रहते थे। इसी कारण भगवान राम ने लक्ष्मण को भेजा था उसके पास राजनीति के टिप्स लेने को। यही नहीं उसकी लंका में किसी को कोई भी कष्ट नहीं थी, उसकी प्रजा उससे खुश और संतुष्ट थी।

कई शास्त्रों का रचयिता रावण

कई शास्त्रों का रचयिता रावण

रावण ने तांडव स्तोत्र, अंक प्रकाश, इंद्रजाल, कुमारतंत्र, प्राकृत कामधेनु, प्राकृत लंकेश्वर, ऋग्वेद भाष्य, रावणीयम, नाड़ी परीक्षा आदि पुस्तकों की रचना की थी। पौराणिक ग्रंथों में वर्णन भी है कि रावण को कई भाषाओं का ज्ञान भी था।

अच्छा भाई

अच्छा भाई

बहन सूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए रावण ने सीताहरण किया था। उसने कहा था कि वो भाई धर्म निभा रहा है। उसने वो ही किया जो एक भाई को करना चाहिए। अपनी बहन की रक्षा के लिए हर भाई प्रतिबद्ध होता है और रावण ने भी वो ही किया, ये और बात है कि उसका तरीका गलत था।

पौरूष का गलत प्रयोग नहीं

पौरूष का गलत प्रयोग नहीं

रावण ने सीता का हरण जरूर किया था लेकिन उसने कभी भी अपने पौरूष का गलत फायदा नहीं उठाया, उन्होंने दो साल तक सीता को बंदी बनाये रखा लेकिन कभी भी सीता को हाथ नहीं लगाया, उसने हमेशा कहा कि सीता खुद उसके पास आए, तभी वो उसे अपनी पत्नी बनाएगा।

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English summary
Ravana was a king of demons in the Hindu mythology. Here are some interesting tit bits about Ravana's life and his defeat by Rama.
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