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लखनऊ में कौमी एकता की नई कहानी लिखता है बड़ा मंगल

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आँचल प्रवीण

स्वतंत्र पत्रकार
आंचल पत्रकारिता एवं जनसंचार में पोस्ट ग्रेजुएट हैं, आंचल को ब्लोगिंग के अलावा फोटोग्राफी का शौक है, वे नियमित रूप से राष्ट्रीय और अंतरष्ट्रीय मुद्दों पर लिखती रहती हैं।

लखनऊ। इसके आँचल में मोहब्बत के फूल खिलते हैं; इसकी गलियों में फरिश्तों के पते मिलते हैं। जी हाँ यही पता है हमारे लखनऊ का। गंगा जमुनी तहजीब का अनोखा संगम। यहाँ की सुबहें पूजा और अज़ान के साथ शुरू होती है तो शामें कव्वाली और आरती से खत्म होती है।

जेठ का बड़ा मंगल आज, जानिए क्यों है खास?

यहीं जेठ महीने के मंगलवारों का बड़ा चलन है। इन्हें यहाँ बड़ा मंगल कहते हैं | जेठ की तपती लू भरी दोपहर में यहाँ हर दो कदम पर भंडारे लगते हैं | इन मंगलवारों को हमारे शहर में कोई भूखा नहीं सोता | हर हिन्दू घर से सुन्दरकाण्ड और हनुमान चालीसा के पाठ का स्वर सुनाई देता है | हर मंदिर चटखती धूप में भी श्रद्धालुओं से सराबोर रहता है | धर्म कोई भी हो इन दिनों हमारे शहर में हर ओर केवल मानवता ही दिखाई देती है।

बड़े मंगल का पुराना है इतिहास

हुआ कुछ यूँ कि एक रात अवध के शिया नवाब शुजा-उद-दौला की पत्नी आलिया बेगम के स्वप्न में हनुमान जी स्वयं प्रकट हुए और उन्हें निर्देश दिया कि फलां स्थान पर धरती मे मेरी मूर्ती दफ़न है उसे निकालो, बेगम आलिया ने हनुमान जी द्वारा चिन्हित स्थान पर खुदाई प्रारम्भ करवाई।

बेगम साहिब ने की हनुमान जी से प्रार्थना

जब बहुत देर हो गयी और हनुमान जी की मूर्ती नहीं निकली तो वहां उपस्थित लोग दबी ज़बान में बेगम साहिबा का मज़ाक उड़ाने लगे। बेगम साहिबा तनिक भी विचलित नहीं हुई उन्होंने हाथ जोड़कर हनुमान जी से प्रार्थना करी कि आप ही के आदेश पर मैंने खुदाई शुरू करवाई है अब मेरे साथ साथ आपकी इज़्ज़त भी दाव पर लगी है, बेगम साहिबा की प्रार्थना पूरी भी नहीं हुई थी कि जय हनुमान के नारे लगने लगे, हनुमान जी की मूर्ती प्रकट हो चुकी थी, बेगम आलिया की आँखों में श्रद्धा के आंसू थे.

हाथी पर बैठ कर गये हनुमान जी

बेगम आलिया ने आदेश देकर एक हाथी मंगाया और उसकी पीठ पर हनुमान जी की मूर्ती स्थापित कर आदेश दिया कि हाथी को आज़ाद छोड़ दो अब जहाँ यह हाथी रुक जायगा वहीं हनुमान जी का मंदिर बनाया जाएगा| क्योकि यह सम्पूर्ण अवध हनुमान जी का ही है तो उनका मंदिर कहाँ बनाया जाय इसका निर्धारण स्वयं हनुमान जी करेंगे. यह हाथी अलीगंज में एक स्थान पर जाकर रुक गया और बेगम साहिबा ने उसी स्थान पर मंदिर निर्माण करवाकर हनुमान जी की मूर्ती स्थापित कर दी|

बेटे का नाम रखा मंगल के दिन पर

बेगम आलिया ने इसी हनुमान मंदिर में मंगलवार को पुत्र रत्न की मन्नत मानी जिसे हनुमान जी ने पूरा किया और बेगम आलिया को मंगलवार ही के दिन पुत्र नवाब सआदत अली खां-II पैदा हुआ जिसका नाम बेगम आलिया ने " मिर्ज़ा मंगलू " रखा. यहीं से बड़े मंगल पर्व का प्रारम्भ हुआ और आज तक भक्तों की मन्नतें पूरी हो रही हैं।

हिन्दू मुसलमानी एकता दिखती है

लखनऊ में मोर्हरम और अलीगंज का महावीर मेला ये ही दो सबसे बड़े मेले होते हैं। मेले में लगभग एक सप्ताह पहले से ही दूर-दूर से आकर हजारों लोग केवल एक लाल लंगोट पहने सड़क पर पेट के बल लेट-लेट कर दण्डवती परिक्रमा करते हुए मंदिर जाते है। इस मंदिर का इतना महत्व होने से आम तौर पर लोगों में आश्चर्य होना स्वाभाविक ही है। विशेष कर इसलिये कि एक तो यह नया मंदिर है दूसरे इसकी स्थापना तथा रख-रखाव एवं देखभाल में अवध के उदार मुसलमानों का मुख्य हाथ रहा है।

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English summary
Bada Mangal, dedicated to Lord Hanuman, is observed on Tuesdays in the month of Jyeshta (May – June) as per the traditional Hindu calendar followed in North India.
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