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अक्षय तृतीया आज: जानिए पूजा का सही समय और महत्व

अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है।

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नई दिल्ली। अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। इसी दिन से सारे शुभ काम शुरू होते हैं इसलिए लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं।

'मेंहदी' केवल एक 'श्रृंगार' नहीं बल्कि गजब की चीज है...'मेंहदी' केवल एक 'श्रृंगार' नहीं बल्कि गजब की चीज है...

इस बार अक्षय तृतिया को लेकर थोड़ा कन्फ्यूजन पैदा हो गया है क्योंकि इस बार ये पावन पर्व दो दिन पड़ने जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार अक्षय तृतीया का यह पर्व 28 और 29 अप्रैल को मनाया जाएगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त

पूजा का शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया 28 अप्रैल 2017 को सुबह 10.30 बजे से शुरू हो होगी जो 29 अप्रैल 2017 को सुबह 6.55 बजे तक ही रहेगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 28 तारीख को सुबह 10:29 बजे से दोपहर के 12:17 बजे तक का है।

अक्षय तृतीया या आखा तीज

अक्षय तृतीया या आखा तीज

अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहते हैं।

सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ

सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ

भविष्य पुराण में लिखा है कि इस दिन से ही सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ हुआ था। भगवान विष्णु ने नर-नारायण, हयग्रीव और परशुराम जी का अवतरण भी इसी तिथि को हुआ था। माना जाता है कि ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का आविर्भाव इसी दिन हुआ था।

श्री बद्रीनाथ के कपाट खुलते हैं

श्री बद्रीनाथ के कपाट खुलते हैं

इसी दिन श्री बद्रीनाथ जी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है और श्री लक्ष्मी नारायण के दर्शन किए जाते हैं इसी कारण इस दिन श्री बद्रीनाथ के कपाट खुलते हैं। वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी जी मन्दिर में भी केवल इसी दिन श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं।

महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था

महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था

पद्म पुराण के मुताबिक इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था और द्वापर युग का समापन भी इसी दिन हुआ था। कहते हैं कि इस दिन गंगा स्नान करने से तथा भगवत पूजन से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।

गृह-प्रवेश, वस्त्र और आभूषणों की खरीदा

गृह-प्रवेश, वस्त्र और आभूषणों की खरीदा

मान्यता यह भी है कि इस दिन बिना कोई पंचांग देखे कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह-प्रवेश, वस्त्र और आभूषणों की खरीदारी से संबंधित कार्य किए जा सकते हैं।

परशुराम जंयति

परशुराम जंयति

जैनियों और सनातन धर्म के लोगों के लिए ये दिन काफी पावन है तो वहीं कुछ लोग आज के दिन परशुराम जयंति के रूप में मनाते हैं क्योंकि स्कंद पुराण और भविष्य पुराण में उल्लेख है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को रेणुका के गर्भ से भगवान विष्णु ने परशुराम रूप में जन्म लिया था।

 मांगलिक कार्य प्रारंभ

मांगलिक कार्य प्रारंभ

इस दिन से शादी-ब्याह करने की शुरुआत हो जाती है। बड़े-बुजुर्ग अपने पुत्र-पुत्रियों के लगन का मांगलिक कार्य आरंभ कर देते हैं।

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English summary
Akshaya Tritiya which is also known as Akha Teej is highly auspicious and holy day for Hindu communities. Akshaya Tritiya which is on April 28, 2017, here is Puja Muhurat and Important Facts in hindi.
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